दोपहर 12.30 बजे दो व्यक्ति ब्लड सैंपल लेकर ओपीडी काउंटर पर किसी परिजन से बात कर रहे थे। वे परिजन को किसी बाहरी लैब में जांच कराने को कह रहे थे। पास ही खड़े सिक्योरिटी गार्ड ने दोनों संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ लिया और अधिकारी को सौंप दिया। दोनों व्यक्ति ने बताया कि वो दिल्ली की एक लैब से आए हैं, और उन्हें किसी डॉक्टर ने ही ब्लड सैंपल लेने को कहा है। हालांकि पूछताछ के दौरान वे डॉक्टर का नाम नहीं बता सके।
पहले भी पकड़ा जा चुका है संदिग्ध
इससे पहले भी एम्स में सुरक्षा की बड़ी चूक सामने आई थी। आनंद मिश्रा नाम का व्यक्ति एम्स में एक साल तक डॉक्टर बनकर आता जाता रहा था। एम्स में आंकोलॉजी विभाग में नौकरी दिलवाने के लिए इंटरव्यू लेने के दौरान वह पकडा गया था। इस बार भी यह मामला आंकोलॉजी विभाग में ही सामने आया है।
बायोप्सी सैंपल लेने आए थे दोनों
दोनों व्यक्तिएम्स के आंकोलॉजी में मरीज के बायोप्सी सैंपल लेने आए थे। जब पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि किसी डॉक्टर के कहने पर ही वे सैंपल लेने आए थे। पुलिस ने एम्स के आंको सर्जन डॉ. विनय कुमार से बात करनी चाही तो उनसे बात नहीं हो पाई। पुलिस ने दोनों को आगे एम्स में न आने की हिदायत देकर छोड़ दिया।
यह गंभीर मामला है, इसकी जानकारी मंगाते है। डायरेक्टर और अधीक्षक दोनों शहर से बाहर हैं। कल मामले की जांच कराएंगे।
संतोष सोहगरा , डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्टेशन, एम्स
एम्स में नहीं होती कई महत्वपूर्ण जांच
एम्स से जुड़े विशेषज्ञ इसे अस्पताल प्रबंधन की नाकामी बताते हैं। एम्स के एक अधिकारी का कहना है कि एम्स में अब भी कई जरूरी जांच नहीं होती। जब डॉक्टर मरीजों को जांच लिखते हैं तो वे बाहर से कराते हैं। वहीं जो मरीज बाहर नहीं जा पाते उसके लिए पैथोलॉजी के कर्मचारी एम्स में आकर ही सैंपल ले लेते हैं। एम्स में कैंसर के लिए रिसेप्टर मार्कस, ओवरी कैंसर, मॉलीक्यूलर टेस्ट जैसी कई महत्पपूर्ण जांच नहीं होती। इसके अलावा दवाएं भी नहीं है।